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सहारा

Indradhanush
Indradhanush
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मेरे अपनों ने ही छीना मेरा हर सहारा तो गैरों का सहारा क्या करें |
डूबने वाले को था बस एक तिनके का सहारा,
जब थोड़े से फासले पर था किनारा,
उस तिनके को भी तूफां ने बहा दिया,
फिर वो डूबने वाला क्या करे |
तिनका-तिनका चुनकर बनाया था,
एक खूबसूरत सा आशियाँ,
नीली छतरी वाले ने उसपर भी गिरा दी बिजलियाँ,
अब लगता है डर बादलों के गरजने से,
फिर न जलाये कहीं मेरा आशियाँ ये बिजलियाँ,
तिनका-तिनका फिर से चुनकर नया आशियाँ बनाने का हौसला क्या करें |
मेरे अपनों ने सींचा और सजाया जिन सपनों की बेल को,
उसे भी जमीं से उखाड़कर एक गमले में कैद कर दिया,
न है उस बेल के आस-पास कोई भी मजबूत दीवार फिर आगे बढ़ने की हिम्मत क्या करें |
मेरे अपनों ने ही छीना मेरा हर सहारा तो गैरों का सहारा क्या करें |

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