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जागरण जंक्शन परिवार के सभी सदस्यों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें! आप सबके लिए नवरात्रि मंगलमय हो |
माता जी के इस भजन से जुड़ी एक रोचक बात मैं आप सबको बताना चाहती हूँ | मैं अक्सर गाते-गुनगुनाते रहती हूँ ज्यादातर फ़िल्मी गीत, ग़ज़ल या भजन | मेरी मम्मी [ सासू माँ ] की भी गीत-संगीत में रूचि है, वो न सिर्फ बहुत अच्छा गातीं हैं बल्कि बहुत अच्छा ढोलक और डफली भी बजाती हैं | उनके पास हर अवसर पर गाये जाने वाले गीतों का खजाना है | फुर्सत के लम्हों में वो मुझे भी गाने को कहतीं और मैं हमेशा कोई फ़िल्मी क्लासिकल गीत या भजन ही सुनातीं | कहतीं कि देवी-गीत सुनाओ तो भी मैं किसी फिल्म का माँ दुर्गा के भजन सुना देती | एक बार घर के काम करते हुए मैं अपनी ही धुन में मगन फ़िल्मी गाना गा रही थी कि मम्मी मुझे डांटने लगीं- “क्या हर वक़्त फ़िल्मी गाने गाया करती हो, कहीं किसी अवसर पे गाना हुआ तो क्या यही सब सुनाओगी?” तब मैनें मम्मी जिस तरह के गीत गातीं थीं उन गीतों पे ध्यान देकर सीखना शुरू किया | माताजी के लिए भजन लिखी और एक दिन उन्हें सुनाया तो उन्होंने पूछा कि ये देवी-गीत तुमने कहाँ से सीखा? जब मैनें उन्हें ये बताया कि मैंने खुद ही लिखी है तो वो बहुत खुश हुईं |
तेरे दर से मैं खाली नहीं जाऊँगी,
झोली भर दे मेरी मैया |
तेरे चरणों में मैं रम जाऊँगी,
अर्जी सुन ले मेरी मैया ||
पहला संदेशा अंधे का आया,
जीवन में जिसके छाया अँधेरा |
उस अंधे को नैना दे दे,
अर्जी सुन ले मेरी मैया ||
दूजा संदेशा लंगड़े का आया,
हर कदम पर जिसने ठोकर खाया |
उसे चलने की क्षमता दे दे,
अर्जी सुन ले मेरी मैया ||
तीजा संदेशा कोढ़ी का आया,
जिससे सभी ने दामन छुड़ाया |
उसकी काया को कंचन कर दे,
अर्जी सुन ले मेरी मैया ||
चौथा संदेशा बाँझिन का आया,
कष्टों में जिसने जीवन बिताया |
उसकी गोदी में लालन दे दे,
अर्जी सुन ले मेरी मैया ||
पांचवां संदेशा निर्धन का आया,
दो वक़्त की भी जो रोटी न पाया |
उसको जीने का आधार दे दे,
अर्जी सुन ले मेरी मैया ||
तेरे दर से मैं खाली नहीं जाऊँगी,
झोली भर दे मेरी मैया |
तेरे चरणों में मैं रम जाऊँगी,
अर्जी सुन ले मेरी मैया ||
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