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आंसुओं का शोर

Indradhanush
Indradhanush
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अपने भीतर उमड़ते आंसुओं का शोर छुपाने को हंसती रहती हूँ मैं,
मेरी वजह से मेरे अपनों पर न आये आंच कोई इसलिए,
अपना दिल तोड़कर सबका दिल रख लेती हूँ मैं |
– सुधा जयसवाल

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