Menu
blogid : 11793 postid : 767411

हे त्रिपुरारी: त्रिनेत्र खोलो

Indradhanush
Indradhanush
  • 52 Posts
  • 173 Comments

हे त्रिपुरारी
तीनों लोकों के स्वामी
कैसा हो गया
ये संसार निराश
एक तुम्ही हो आस

त्रिनेत्र खोलो
पाप अत्याचार से
त्रस्त संसार
स्वयं पाप मिटाओ
या तो शक्ति को भेजो

चहूँ ओर है
निराशा का साम्राज्य
आओ हरने
कष्ट और निराशा
या लाओ प्रलय को
– सुधा जयसवाल

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply